किंकर्तव्यविमूढ़ (Apathy)
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तट है नदी के की कटे जा रहे है ,
उफनती लहर है बहे जा रहे है ,
बहुत तेज आंधी उठी है क्षितिज से ,
छप्पर घरो के उडे जा रहे है ,
पंक्तिबद्ध भेड़ो का काफिला है सारा ,
कलमा जबह का पढ़े जा रहे है ,
जीवन मूल्यों का है ताबूत यह देखो ,
डोली सजा कर लिए जा रहे है ,
मलबे के नीचे कहीं शेष जीवन ,
आँखों पर पट्टी पहन जा रहे है ,
मदद की गुहार आती जब कहीं से ,
कानो में ऊँगली रखे जा रहे है ,
न चेहरे पर लज्जा , न आँखों में पानी ,
मत्सुनो के माफिक चले जा रहे है....
बस जा रहे है, चले जा रहे है.....
उफनती लहर है बहे जा रहे है ,
बहुत तेज आंधी उठी है क्षितिज से ,
छप्पर घरो के उडे जा रहे है ,
पंक्तिबद्ध भेड़ो का काफिला है सारा ,
कलमा जबह का पढ़े जा रहे है ,
जीवन मूल्यों का है ताबूत यह देखो ,
डोली सजा कर लिए जा रहे है ,
मलबे के नीचे कहीं शेष जीवन ,
आँखों पर पट्टी पहन जा रहे है ,
मदद की गुहार आती जब कहीं से ,
कानो में ऊँगली रखे जा रहे है ,
न चेहरे पर लज्जा , न आँखों में पानी ,
मत्सुनो के माफिक चले जा रहे है....
बस जा रहे है, चले जा रहे है.....
-In 1950, US novelist John Dos Passos wrote that "Apathy is one of the characteristic responses of any living organism when it is subjected to stimuli too intense or too complicated to cope with."
I have a very strong feeling that the opposite of love is not hate -- it's apathy." - Dr. Quo
1 comments:
bit weak in hindi....bt nice one....
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